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دل ز تو بیغم نتوانیم کرد |
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درد ترا کم نتوانیم کرد |
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باد بویش به بوستان آورد |
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غنچه از شوق پیرهن بدرید |
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چون لبت را به گاز پاره کنم |
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لب نباشد نبات پاره بود |
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خضر پیش لبت به آب حیات |
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لب چه باشد که دست هم نزند |
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بیا ای جهان بر سر من بگرد |
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که این شربتی زیر آن پای بود |
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خطت کز لبانت برآورد سر |
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برآورد از جان عشاق دود |
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به بازی مزن تیغ بر جان من |
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که کس تیغ بردوستان ناز خود |
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سر زلف کاید همی برلبش |
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نمک سوی هندوستان میبرد |
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بهانه می طلبند اهل دل که جان بدهند |
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بپوش روی و گرنه در انجمن مگذر |
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همه بر دیگران قسمت مکن غم |
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ازان چیزی برای من نگهدار |
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صبوری با غمش می گفت در دل |
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که من رفتم تو جای من نگهدار |
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گر درد سریت هست از عشق |
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بارد بساز و ترک سر گیر |
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