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شهری است وجود آدمی زاد |
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بر باد نهاده شهر بنیاد |
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باد است که خاک را براند |
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چون باد گذشت خاک استاد |
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دل خسرو شهر و عقل دستور |
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شهوت چو عوام و خشم جلاد |
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گر شاه به مشورت وزیر است |
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خرم بود آن بلاد و آزاد |
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ور هیچ به ضد آن بود کار |
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بنیاد همه به باد برداد |
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جان گنج طلسم جسم دایم |
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بر گنج ازین طلسم بیداد |
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گه خازم گنج ایمن و مصلح |
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گه باد به دست رند و شیاد |
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در بسته به مهر خاتم دین |
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وان مهر به دست عشق همزاد |
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سلطان چو خزینه نقل فرمود |
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شد شاه و وزیر و شحنه آزاد |
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شه خانه خراب و شهر خالی |
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از گفت و شنود و بانگ و فریاد |
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عمال مناصب ولایت |
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هر یک به بلاد دیگر افتاد |
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در انجمن مقربان است |
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زیرا که بدین قدم نشان است |
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