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دست در روزگار مینشود |
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پای عمر استوارمینشود |
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شاهد خوب صورتست امل |
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در دل و دیده خوار مینشود |
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روز شادی چو راز گردونست |
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لاجرم آشکار مینشود |
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هیچ غم را کران نمیبینم |
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تا دو چشمم چهار مینشود |
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پای برجای نیست حاصل دهر |
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عشق از آن پایدار مینشود |
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هیچ امسال دیدهای هرگز |
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که دگر سال پار مینشود |
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پر شد از خون دل کنار زمین |
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واسمان دلفکار مینشود |
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شاد میزی که در عروسی دهر |
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رنگ چندین به کار مینشود |
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یک تسلیست وان تسلی آنک |
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مرگ در اختیار مینشود |
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خرم آنکس که نیست بر سر خاک |
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تا چنین خاکسار مینشود |
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انوری در میان این احوال |
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هیچکس بر کنار مینشود |
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