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بکت الرباب فقلت ای بکاء |
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ابکاء عهد ام بکاء اخاء |
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فالعهد للربع المحور بد معنا |
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ثم الخاء لزمرة الخلطاء |
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عین المهاة بکت و لیس من الهوی |
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دمع المهاة یفیض کالا بداء |
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انهمت عذری الهوی و عفانی |
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یستوی تهامة بهمة السوداء |
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فرمت بثالثة الاثافی مهجتی |
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و سمت برابعه الخیام دمایی |
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سقیالحاء العقص و الداء التی |
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خصب کحرف العقص فیالاقواء |
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صحبی تعالوا نبک فی غصص الشجی |
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جیران انصاف و ربع وفاء |
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وطوال مکرمة و رسم فتوة |
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و خیام معرفة و ن صفاء |
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قد فوضت خیم المکارم بیننا |
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ملائت دموعی سوی کل حیاء |
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حالی کماکره الاحبة بعدهم |
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واحب اعدایی من العدواء |
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جمدت دموعی فاعتدت یاقوته |
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نیطت بعروة برفی عفراء |
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فهب اللالی من اجاج اصلها |
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هل اصل یاقوت اجاج الماء |
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نبحت طیور النفس لی من بعدما |
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و دعت طرا السعد من اسماء |
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ایام فی حذو ریاض سنابل |
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انس طبائها وای ظباء |
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کرت بنات العیس مبدء نکحها |
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طیف الخبیث و فیه عقد بقاء |
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والطیف کان مع القراء مدیدة |
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و ابوالبنات مدیدة السوداء |
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ما بال لون الجفن احمر ناصعا |
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ادم البکارة دم النفساء |
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فعجبت من هندیة حبلت و قد |
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رضعت بصقلابیة صفراء |
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کاللیل ام الیوم حبلی قدرمت |
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ارضا ابی الیقظان بابن ذکاء |
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مثل العنا قید التی الوانها |
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سود و فیها حمرة السوداء |
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من فرط ما ولدت باحشایی اللظی |
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نار الهوی نبکی علی الاعضاء |
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قالوا لهوی تبکی بلاعین بلی |
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تبکی و هاعیناه حرف الهاء |
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کالشمس تقشف من خبااللیلالذی |
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نشفت دماء کبدی علی الاحشاء |
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ضحکت عروسا مقلتی لدی البکاء |
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والضحک حلم الطفلة العذراء |
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ابکی و اضحک کالسحاب واقتنی |
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حالی و تبع الهند فی الانواء |
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قالوا اتبکی قلت ابکی ود کم |
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کنتم اوداء فصرتم دایی |
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قالوا تضحک قلت اضحک منکم |
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هذا جواب خائف الاعداء |
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غدر و ابنا و استغدر الدنیا بهم |
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دهری یجازی الشر شر جزاء |
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کانوا احبایی اذا کان الغنی |
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فاذا افتقرت یعمل و انقضاء |
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یا صاحبی اصدقنی بحق اخاء |
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اشممت عرف السحر من شجراء |
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این الجواب الغرقته مدامع |
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ام احرقته سمائم الصعداء |
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قل لا سریعا قبل یختنقی البکاء |
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لاباس من استدعیت بعد نداء |
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عجل اجابة ملحف داعی الهوی |
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و تدارک التحقیق بالارجاء |
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ان صار احمر وجهه من خنقه |
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فا حمر وجهی من خناق بکاء |
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نفس الهوی بمودة لم تعدها |
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احد وینشد بعد فی الاحیاء |
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هیهات ظل دم الوفاء وفارة |
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ممن یرام و من له بنواء |
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و به الوفاء وراء احیاء من |
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الثقلین لالا یقال و الاحیاء |
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دع ذاوقد سدته نفسی قبلکم |
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فخشیت عن وصلة العنقاء |
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سمیتنی این خلا و ان توطنی |
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فدعوتنی فیالعروة ابن خلاء |
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قلبی کظیم بعد سل یعاتبنی |
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عن بلدتی و ذابح شاء |
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فصبی الدنیا نائبات الهوی |
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و تلففت بلهاء و کل بلاء |
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تصنع کصنع النمر لفظ کالعوی |
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هاتیک شیمة بلدة اسماء |
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غصن البلاد توفقنی فاسقها |
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هذا الشهاد بسرق البیداء |
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حتی بدا الصبح فی کم الدجی |
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کم من قضیب من ید شلاء |
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فالصبح املی الدیک سورة والضحی |
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بطلاب سوط صاغ فی الطلباء |
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حملت الی حمائمی کتب الحمی |
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و تبادرت کفی بفک سجاء |
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عنوانها نفی الکرام فویلتی |
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سمیت اللام لموتة الکرماء |
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خنقتنی العبرات حتی خلتنی |
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قد خیفتنی عربتی برداء |
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للفی حوامل مقلتی اخیته |
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اکفی بها و ملی لدی الالقاء |
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کم لی نویالنفس فی جوفالجوی |
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کم لی رکوب البحر فی النکباء |
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فارقت شروان اضطرارا فاشتهت |
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نفسی بتبریز اختیار سواء |
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عرفت موج الشعر ملک امارتی |
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خلقاء بی لابد من ارقاء |
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اختار صحراء الفراغ مخیمی |
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بل خیمتی حلت علی الصحراء |
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بتحول البحر المحیط بعمقه |
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لمخیمی نوی یا من من آلاناء |
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اطناب خیمة همتی ممدودة |
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حتی ظلال السدرة الزهراء |
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و وصلت حبلالله لکن سودت |
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فی غصن طوبی واسع الفیاء |
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اما منحی کالنوی لکن لم اقف |
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کالنوی حمل حیاء اهل حیاء |
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احدی سلا من مواطل بهجتی |
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فی نوی هذه الخیمة الزرقاء |
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اتاها ثم اوردت متنوع المنی |
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فحرمت ها ثم یمین اناء |
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فاذا انقلت فلیت قناعتی |
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عرفت سجالی ثم حدر شاء |
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محسود ابناء الرذیلة عائذ |
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من امهات الکون بالاباء |
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فالامهات اذا قصدت حیوتة |
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کیف انتظار اماتة الاحیاء |
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شربنی بماء العلم بل عرفی به |
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عرف المحیا بماء حناء |
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فضلت علما ان علم قائلی |
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والقیل احیی الذی من العلماء |
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کالشمع ینقص حین زاد لهیبه |
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ما قد نمی علی ذوی حوباء |
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قد هان لی مذجف روض مدامعی |
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غیث الکرام و ضنة البخلاء |
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من صار مکفوفا فسواء عنده |
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فی السهد لیل سدارة و سمراء |
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قد کنت اصلب شعره بید الفتی |
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انمی فبدل فی الذیول نماء |
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کلفت تودیع الثیاب و قیل لی |
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هذا النفاق نفاق الصعدة السمراء |
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لو کان للمنقوش حال تسقف |
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فالدهر قومنی و تقعدنی بفقداء |
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لاعیب فی عوج الفتی نفسی و انما |
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یغنی من التسقیف و العوجاء |
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لازمت حصنی قبل حصن بالفتی |
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و عضضت طرفی قبل ذوالحملاء |
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ما سمنی الجلساء لکن همتی |
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ذات الغناء و بفقری استغناء |
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طلعت دنیا کم بلبانه |
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من غیر رحبتها و لا استثناء |
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عمر قصیر لمواعید خدعته |
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و حدثتنی تفسیرها بالزباء |
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انی عیالالله فی فضل النهی |
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و عیال فضلی عصبة البلغاء |
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کالنبت یاتی السحب یستسقی الندی |
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و الحسب یاتی البحر باستسقاء |
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نسج العناکب فی الجدار مهلهلا |
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سیل الذباب و یصعد الافداء |
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ما ینسج النحل الضیاع معینا |
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الا علیه طراز کل شفاء |
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سیان لی مدح فی ریاض مطالع |
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عیب الکلام و خلب البخلاء |
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ریق بن آدم یقتل الافعی اذا |
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القاه فی فیها فم الحواء |
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فضل لذنبی و الجهل نقص کامل |
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کالشمس ظلمة مقلة الرمداء |
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ما ان اخوک مهلهلا بشواردی |
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شهد الشهداء و هلهل السفهاء |
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اسری وراء الکائنات بخاطری |
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ربی و همتی الغیور وراء |
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سبحان من اسری بخاطر عبده |
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لیلا الی الاقصی بذی الاسراء |
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ض العیان کصاحب السرطان بل |
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غیل البیان کصاحب الجوزاء |
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اصبحت داود ذالفضل حنظلة |
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ام بل مزامیر النهی باداء |
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