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چون من و چون تو شد ای دوست چمن |
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یک چمانه من و تو بی تو و من |
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توی بیتو چو بهار اندر بت |
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من بی من به بهار تو شمن |
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توبهی سست بروتان شدهاست |
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شکن زلفک تو توبه شکن |
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حسن اندر حسن اندر حسنم |
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تو حسن خلق و حسن بنده حسن |
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بی سر و پای یکی چنبروار |
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خر ما جسته و بگسسته رسن |
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تو چو نرگس کله زر بر سر |
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من چو گل کرده قبا پیراهن |
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پشت من پیش تو شاخ سمنی |
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پیش من روی تو صد دسته سمن |
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شاخ چون روی تو پر لعل و درر |
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آب چون زلف تو پر پیچ و شکن |
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بر گریبان پر از ماه تو شاخ |
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انجم افشانان دامن دامن |
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شکفه پر زر و پر سیم گلو |
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یاسمین پر می و پر شیر دهن |
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بسته بر ساعد گل عقد گهر |
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سوده در کام سمن مشک ختن |
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سر به سر شاخ پر از عارض و زلف |
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لب به لب جوی پر از خط و ذقن |
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زیر سرو چو الف با خوی و می |
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گشته یک تن الف دار دو تن |
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غنچه همچون دل من با لب تو |
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لاله همچون رخ تو در دل من |
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عندلیب آمده در مدحت شاه |
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رایگان همچو سنایی به سخن |
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شاه بهرامشه آن کو بدو زخم |
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جرم بهرام کند شش چو پرن |
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آن شهی کز صفت گرز و سنانش |
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که شود آرد فلک پرویزن |
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پوستها بر تنشان گردد نیست |
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هر که اندر کنفش نیست کفن |
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او چه ماند به فلان و به همان |
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او و تایید و جهانی دشمن |
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